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Showing posts from October, 2021

"गंगा जी कहां से प्रकट होती हैं"

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लोगों का मानना है कि भागीरथ ने गंगा को जमीन पर उतारा था !  लेकिन यह गलत उत्तर समाज में मिला  सही उत्तर जानने के लिए पोस्ट को अवश्य पढ़ें  👇👇 गंगा जी कहां से प्रकट होती है? गंगा जी का इस पृथ्वी पर क्यों आना हुआ? गंगा जी का जल क्यों नहीं खराब होता है? गंगा जी के जल से नहाने से क्या पाप धुल जाते ?हैं  ? अनेक सवालों के जवाब जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके अवश्य पढ़ें दोस्तों अनमोल ज्ञान प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए लिंक को अवश्य पढ़ें और जाने गंगा जी के सरलार्थ उत्तर इंग्लिश में मैसेज पढ़ने के लिए आप नीचे दी गई लिंक को क्लिक करें 👇👇👇 https://news.jagatgururampalji.org/origin-of-ganga-river/ हिंदी में गंगा जी सरलार्थ जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके पढ़ें 👇👇 https://www.google.com/amp/s/news.jagatgururampalji.org/ganga-river-story-in-hindi/amp/ हिंदी में पुस्तक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर s.m.s. करें अंग्रेजी में पुस्तक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए नंबर पर SMS करें 👇👇  संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान ग्रहण क...

सत शास्त्र अनुकूल साधना भक्ति विधि यूट्यूब लिंक

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"  शास्त्र अनुकूल साधना भक्ति मार्ग विधि  " संत रामपाल जी महाराज व संत रामपाल जी महाराज के भक्तों का नारा है 👇👇👇 जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।। होली, दीपावली, रक्षाबंधन, करवा चौथ, मकर संक्रांति , गणतंत्र दिवस , रोजा नमाज, ईद बकरीद, क्रिसमस डे व अन्य कोई पर्व किसी भी धर्म विशेष पर विशेष मंथन करें और विचार करें कि यह पर्व हमारे लिए क्या खास बनता है ! "भक्ति साधना करने वाली प्यारी आत्माओं से प्रार्थना है कि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अमृत वचन जरूर सुनें " कोई भी व्रत त्यौहार रखने से सुख शांति प्राप्त होती है या नहीं ? पति व्रत रखने से क्या शांति प्राप्त होगी ? क्या पति की उम्र बढ़ जाती है ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए ज्ञान गंगा पुस्तक को पढ़ें "  नोट :- अल्लाह परमेश्वर को मानने वाले भी शास्त्र विघि साधना करें और कोई भी व्रत त्योहार रोजा नमाज रखने से पहले आवश्यक जानकारी संत रामपाल जी से प्राप्त करें " 👇👇 श्रीमद भगवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 के अनुसार शास्त्र अनुकूल साधना करने से मनुष्य को ...

" राजा बलि की आध्यात्मिक कथा " काल ब्रह्म का छुपा ज्ञान"

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वाणी :- परसुराम बावन अवतारा। कोई ना जाने भेद तुम्हारा।। १- सरलार्थ :- परसुराम जी ने पृथ्वी के सब अभिमानी क्षत्रियों को फरसे से (लाठी के एक सिरे पर लोहे का गंडासा जड़ा होता है, जिसका आकार उस समय 3 फुट लम्बा, एक फुट चौड़ा और 2 इंच मोटा था, सामने का तीन फुट लम्बाई वाला पैनी धार वाला चाकू की तरह था, उससे) काटकर मारा था। श्री परसुराम जी को श्री विष्णु जी का अवतार माना गया है। इसलिए कहा है कि आप ने परसुराम तथा बामन रूप में अवतार लिया। आपके भेव (भेद) अर्थात् रहस्य को कोई नहीं जान सका। २- बामन अवतार :- भक्त प्रहलाद का पुत्र बैलोचन हुआ तथा बैलोचन का पुत्र राजा बली हुआ। राजा बली ने अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया। इन्द्र की गद्दी प्राप्त करने के लिए सौ मन घी एक यज्ञ में खर्च करना होता है जिसमें हवन तथा भण्डारा करना होता है। ऐसी-ऐसी सौ निर्बाध यज्ञ करने के पश्चात् वर्तमान इन्द्र को तख्त (गद्दी) से हटा दिया जाता है और जिसने नई साधना पूरी कर ली, उसको इन्द्र की गद्दी दी जाती है। इन्द्र स्वर्ग लोक का राजा होता है। गद्दी पर विराजमान इन्द्र के लिए शर्त होती है कि यदि उसके शासनकाल में किसी ने निर्बाध सौ अश्व...